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महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधायें
पुस्तकालय
महाविद्यालय में प्रवेश पाने के उपरान्त छात्र महाविद्यालय के पुस्तकालय की सदस्यता भी प्राप्त कर लेता है | प्रवेश प्राप्ति (जुलाई की फीस) की रसीद दिखलाने पर पुस्तकालयाध्यक्ष उसे पुस्तकालय कार्ड देगे , जिस पर विद्यार्थियों को पुस्तके निर्गत की जायेगी और उनके द्वारा पुस्तकालय से ली गई पुस्तकों की प्रविष्टियाँ भी होगी | 15दिन के भीतर पुस्तक न लौटाने पर छात्र को 25 पैसे प्रतिदिन की दर से पुस्तकालयीय अर्थदण्ड देना होगा |
प्रत्येक विद्यार्थी को , उपलब्धता के आधार पर स्नातक स्तर पर रू. 300.00 मूल्य तक की एवं स्नातकोत्तर स्तर पर रू. 400.00 मूल्य तक की अधिक से अधिक दो पुस्तके प्रदान की जा सकती है | सन्दर्भ (रेफेरेन्स) की पुस्तके किसी भी विद्यार्थी को निर्गत नही होगी | पुस्तकों को क्षति पहुचने वाले को दण्डित किया जायेगा |
क्रीड़ा परिषद
महाविद्यालय में विभिन्न खेलो की सुविधा उपलब्ध है और इससे संबंधित कार्यक्रम क्रीड़ा- परिषद द्वारा आयोजित एवं संचालित होते है | प्रत्येक वर्ष वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है तथा विजेता छात्राओं को पुस्तकार एवं प्रोत्साहन मिलता है तथा महाविद्यालय के प्रतिभाशाली खिलाड़ी अन्तरविश्वविद्यालयी एवं अखिल भारतीय अन्तरविश्वविद्यालयीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते है |
सांस्कृतिक समारोह परिषद
महाविद्यालय में वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के अतिरिक्त 15 अगस्त, 26 जनवरी ,2 अक्टूबर, स्वागत समारोह एवं विदाई समारोह, महाविद्यालय स्थापना दिवस समारोह आदि से संबंधित कार्यक्रम भी सांस्कृतिक परिषद द्वारा आयोजित किये जाते है|
राष्ट्रीयसेवा योजना
महाविद्यालय के छात्र / छात्राओं को राष्ट्र एवं समाजसेवा में प्रवृत करने हेतु महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की ईकाई विगत वर्षों से क्रियाशील है | विद्यार्थीयों में राष्ट्रीय सेवा की भावना का विकास करने के लिये केन्द्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय सेवायोजना का प्रारम्भ किया गया है| राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अपने स्वयंसेवकों को सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक बनाने और उनके समाधान के लिये रचनात्मक कार्यों में प्रवृत करने के लिये प्रयत्नशील रहा है|इसके माध्यम से विद्यार्थीयों को कर्तव्यबोध कराना, उन्हें अनुशासित करना तथा राष्ट्रीयसंस्कृति के अनुरूप ढालकर पूर्ण नागरिक बनाया जाता है |
रोवर्स / रेन्जर्स
युवा शक्ति को अनुशासनबद्ध करके उसमे सेवा – भाव, भाई – चारा, संगठन तथा नेतृत्व की भावना विकसित करने तथा उन्हें भविष्य में संरचनात्मक दिशाममूलक सिद्धांतों से अवगत करने हेतु रोवर्स / रेन्जर्स दल की स्थापना की गई है |